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अब बजेगा बेंड पार्ट 2

ठीक है तुम करो "।लड़की ने कहा

"अरे कुत्ता तु म्हारो दोस्त है या दुश्मन है, ना जाने कौन सा जनम को बदलो लिरियो है, मनहूस कईका, अब तो उठनो पड़ेगो नी तो यो आज म्हारी जान ली  लेगो"।

धर्मेंद्र का दोस्त उसके मुंह के पास अपना मुंह लाता है, इतने में धर्मेंद्र धीरे से आंखें खोलता है और राजू के गाल पर जोर से तमाशा जढ़ता है।

धर्मेंद्र को होश में आते देख लड़की राहत की सांस लेती है और कहती है-" थैंक गॉड"! जो इसे हो जा गया।

धर्मेंद्र उठ कर बैठ जाता है तब वह लड़की कहती है-" तुम ठीक हो"।

"मारे घणी जोर से चक्कर अइ रिया है और सब धुंधलो-धुंधलो दिखी रियो है"। धर्मेंद्र ने कहा।

" तुम चिंता मत करो, मेरा नाम राधिका शर्मा है और मैं एक डॉक्टर हूं, मैं तुम्हें, जल्दी ठीक कर दूंगी, चलो तुम्हें, तुम्हारे घर छोड़ देती हूं"।

"म्हार से उठती नई रियो है थोड़ी मदद कर दो "।धर्मेंद्र ने कहा

"चल उठ जा फोकट नाटक करीने मैडम के क्यों परेशान करी रियो है"। राजू ने चांटा खाए हुए अपने गाल पर हाथ रखकर कहा।

"म्हारे बहुत जोर से चक्कर अइ रिया है, इना मनहूस के यां से भगाओ, नी तो आज मैं मरी जऊंगा, इकी  शकल देखी के मारो जी घबरय रियो है, प्लीज इसे  यहां से भगय दो"।

"भाई साहब आपका दोस्त तकलीफ में है और आप उसे उसे नाटक बाज कह रहे हो, आप जाइए यहां से नहीं तो इनकी तबीयत और बिगड़ जाएगी"। लड़की ने राजू से कहा।

"जय रियो हूं पर भाईसाहब बोलने से पहले मुझे थोड़ा गौर से तो देख लेती"। राजू ने दुखी भाव से का।

"आप यहां से जाओगे या नहीं भाई साहब"। लड़की ने सख्त अंदाज में कहा।

धर्मेंद्र का दोस्त दौड़ लगा देता है और वहां से चला जाता है फिर लड़की, धर्मेंद्र को अपने कंधे का सहारा देकर उठाती है और खड़ा करके अपनी स्कूटी पर बिठा कर वहां से आगे बढ़ती है और चलती स्कूटी पर धर्मेंद्र से कहती है।

" आई एम रियली सॉरी"। "मेरी वजह से तुम्हें इतना दर्द झेलना पड़ रहा है पर इस एक्सीडेंट में थोड़ी गलती आपकी भी है, आपको देख कर चलना चाहिए था"।

"मैं तो तम्हारे देखी- देखी के हीं चली रियो थो तम थोड़ी देर गाड़ी रोकी के म्हारे देख लेती तो दुर्घटना नी होती"। धर्मेंद्र ने गदगद भाव से कहा

"सही कहा, तुम्हें देख कर रुक जाती तो अच्छा होता, तुम अपने रास्ते चले जाते, मैं अपने रास्ते चली जाती, अब एक बात बताओ, तुम्हारे गांव में कोई होटल है, मुझे एक-दो दिन यही रुकना है, मैं तुम्हारे गांव में महिलाओं पर सर्वे करने आई हूं"। लड़की ने कहा

"हां है नी मारो घर, वहां पर तमारे फाइव स्टार होटल की सुविधा मिलेगी वा भी फ्री में"।

"अरे नहीं," मैं, तुम्हें और तुम्हारे घर वालों को तकलीफ नहीं देना चाहता हूं"। लड़की ने कहा।

"हमारा गांव में होटल तो नी है, अगर तमारी इच्छा हो तो म्हारा घर रुक जाओ, 2 दिन कमी, मैं तो आखी जिंदगी तम्हारे, म्हारा घर रखने को तैयार हूं"। धर्मेंद्र ने मुस्काते हुए कहा।

पू"री जिंदगी क्यों"? लड़की ने गंभीर भाव से पूछा।

"म्हारो मतलब है, हमारा गांव में कोई डॉक्टर नहीं है और तुम डॉक्टर हो , जिंदगीभर भी रहोगी तो लोग होनको इलाज करोगी"। धर्मेंद्र ने समझाते हुए कहा।

"कितना अच्छा सोचते हो आप और वह आपका दोस्त आपके बारे में अनाप-शनाप बोल रहा था"।

"मैं सब सुनी रियो थो"। धर्मेंद्र ने अपनी जुबान काटते हुए कहा।

"इसका मतलब आप बेहोश नहीं थे, आप सब सुन रहे थे"। लड़की ने अचंभित भाव से कहा।

"मारो मतलब है, मैं तो सुन पड़ीयो थो, म्हारे कई मालूम उ कयी बोली रो थो, म्हारा बारा में"।

"ओह"! मैं कुछ और समझी"।

धर्मेंद्र राधिका के साथ अपने घर पहुंचता है और कहता है "मैडम, आप रुको, मैं अभी आया"।

धर्मेंद्र अपने घर के अंदर जाता है और जोर-जोर से मम्मी पापा, मम्मी पापा, चिल्लाता है, धर्मेंद्र की आवाज सुनकर उसके मां- बाप आते हैं और उसके पापा बोलते हैं-" इतनी जोर- जोर से क्यों चिल्ला रो है "।

"तम दोई, म्हारा ओरिजिनल मम्मी पप्पा हो के कोई नाटक में काम करी रिया हो"? धर्मेंद्र ने पूछा।

"थारा पप्पा को तो नी मालूम, हां तु, म्हारे बेटो है"। धर्मेंद्र की मां ने कहा।

"पूरो के पूरो, तु म्हारो,,डुप्लीकेट फोटोकॉपी लगे है, इससे बड़ा और कौन सो सबूत दूं और अगर दाढ़ी- मूछ काली करालू तो मैं थारा छोरा जैसों दिखूंगा"। धर्मेंद्र के पिता ने उसकी पत्नी पर चिढ़ते हुए कहा।

"अगर तुम दोनों सच्ची में, मेरे मम्मी पापा हो तो, तुम दोनों को मेरा साथ देना पड़ेगा, मैंने एक छोरी के आधी पटा ली है और तुम दोनों मेरा साथ दोगे तो पूरी पटा लूंगा, बस तुम दोनों को उस लड़की के सामने मेरी तारीफ करनी है"। धर्मेंद्र ने कहा।

"हर काम अधुरो करें, और ऐसा कौन सा गुण है तुझ में जिसकी में तारीफ करूं"। धर्मेंद्र के पिता ने कोसते हुए कहा

"तम में ऐसा कौन सा गुण हैं जो कि सब तारीफ करें है, तुम दोनों आखरी बार बता दो, तुम, मेरा साथ दोगे या नहीं दोगे, नहीं तो आज तुम दोनों के माथे जहर पीकर मर जाऊंगा"धर्मेंद्र ने धमकी देते हुए कहा

"झूठ बोलवा मैं म्हारो कयी जाई, क्या बोलना है छोरी के"। धर्मेंद्र के पिता ने कहा।

"तुम दोनों को उस लड़की के सामने मेरे बारे में बड़ी बड़ी भपकी देना है कि मैं बहुत समझदार, संस्कारी लड़का हूं, तुम दोनों की बहुत सेवा करता हूं और हर बात मानता हूं"। धर्मेंद्र ने कहा

तभी उन तीनों के कानों में हो गए की आवाज पड़ती है "कांव कांव"!

"देखो कगलो भी सच बोली रियो है "।धर्मेंद्र में कौवे की आवाज को अपने पक्ष में गवाह बताते हुए कहा।

"छोरी कौन है"? धर्मेंद्र की मां ने जिज्ञासा से पूछा।

"डॉक्टर है, 2 दिन तक अपना घर पर ही रहेगी, हम तीनों को मिलकर उसे अपने जाल में फंसाना है और उसे इस घर की बहू बनाना है, चलो उसे अंदर ले कर आते हैं"।धर्मेंद्र ने कहा

तीनों बाहर आते हैं और राधिका को देखकर धर्मेंद्र के पिता मन में सोचते हैं-" अरे या छोरी तो अच्छा घरबार से लगे हैं, अगर इकी शादी मारा छोरा से हुयी गई तो महारे बहुत सारो दहेज मिलेगा और मैं मालामाल हुइ जउंगा"।

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2 Comments

Babita patel

03-Jul-2024 08:36 AM

👍👍👍

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Varsha_Upadhyay

12-Jun-2024 04:40 PM

Nice one

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